10 + Motivational Story in Hindi
September 24, 2021 >>by Ritik Tiwari
निराशाजनक दौर में अगर टूटने लगे हिम्मत,खोने लगे उम्मीद, धुंधली पड़ने लगे राहें तो अपने आसपास नजर दौड़ाएं। असाधारण माने जाने वाले दिवयांगों के जीवन को देखें, जिन्होंने शारीरिक कमियों को चुनौती तो माना, पर कमजोर नहीं। उनकी असीमित उड़ान पंखों से नहीं, उनके हौसलों के कारण और भी ऊंची होती गई ! कैसे ? तो चलिए जानते हैं इस लेख में बताई गई कहानी के माध्यम से...!!
. मार्क पोलोक की कहानी
( Motivational story in Hindi)
आयरलैंड के 44 वर्षीय मार्क पोलोक दुुनिया के जाने- माने मोटिवेशनल स्पीकर व लेखक हैं। उन्होंने 22 वर्ष की उम्र में आखें गंवा दी थीं। इससे पहले तक वह एक एथलीट थे, जिन्हें जिंदगी ने अचानक सफेद छड़ी थमा दी।
आगे क्या करना है, उन्हें पता नहीं था, लेकिन यह उलझन उन्होंने जल्द ही सुलझा ली। अपनी दिव्यांगता को उन्होंने खुद पर हावी होने नहीं दिया।
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